गुरुवार, 15 जुलाई 2010

महंगाई और राजा

मेरे भारत महान में चारो तरफ बढती महंगाई का शोर मचा है मगर अपन इस महंगाई में भी खुश है । पूछो क्‍यों तो जवाब है मूर्खो क्‍या तुम इस महंगाई में नये राजा के राज्‍याभिषेक के नगाडें की आवाज क्‍यो अनसुनी कर रहे हो जब तुम्‍हारा नया राजा अपनी राजगददी सम्‍भालेगा तो देखना मंहगाई कई सालो तक बढना भूल जायेगी और तुम्‍हारे नये राजा राजपुत्र की चरन वन्‍दना करने को विवश होगी सो महगांई ने भी सोच लिया हैकि जितना बढना है अभी बढ लो ताकि बाद में नये राजा के नाम पर धब्‍बा न लगे ।
सो हमने अभी से भविष्‍यवाण्‍ाी कर दी है कि अब मेरे भारत महान को नया राजा मिलने वाला है आने वाले चुनाव में निश्चित रूप से अपना युवराज राजा बनने वाला है बधाई हो

2 टिप्‍पणियां:

Rahul Rathore ने कहा…

बहुत बढ़िया ...

http://techtouchindia.blogspot.com

हिमांशु पाण्‍डेय ने कहा…

लेकिन हमारा राजा क्या आपके प्रस्ताव को स्वीकार करने के मूड में है। मुझे इसमें सन्देह है। उसे तो केवल सेवा में ही आनन्द आता है, वह कुर्सी से दूर रहने में ही खुशहै।