शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010

आज जब अयोध्‍या पर हाईकोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है तब मुझे हिन्‍दुत्‍व की मूल भावना और महाभारत याद आ रहे है । हिन्‍दुत्‍व की मूल भावना मेरे विचार में यह है कि सभी धर्मो के लोग अपने अपने धर्म का पालन करते हुये अपने परम लक्ष्‍य तक पहुँच सकते है । और महाभारत इसलिये कि जब दुर्योधन पांडव पक्ष को कमजोर समझ कर और अपना उत्‍तराधिकार का दावा मजबूत समझ कर क़ष्‍णजी से कहता हैकि हे केशव तुम तो 5 गांवों की बात करते हो मैं तो सुई की नोक के बराबर भी भूमि पांडवो को नही दूगॉं । आज कोर्ट ने हिन्‍दु पक्ष को दुर्योधन बनने से बचा लिया और हिन्‍दुत्‍व की मूल भावना के अनुरूप वहॉं मुस्लिम पक्ष को जगह देकर सही कार्य लिया । मैं हाईकोर्ट के फैसले का समर्थन करता हूँ और दोनो पक्षो से कहना चाहता हूँ कि अब इस विवाद को आगे बढाने का कार्य करने से पहले इन दोनो बातो पर विचार करे ।

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